May 21, 2016

THE HINDI ACADEMY: तोड़ती पत्थर - निराला

THE HINDI ACADEMY: तोड़ती पत्थर - निराला: तोड़ती पत्थर - निराला वह तोड़ती पत्थर देखा है मैंने इलाहाबाद के पथ पर -- वह तोड़ती पत्थर । कोई न छायादार पेड़, वह जिसके तले बैठ...

THE HINDI ACADEMY: जुही की कली - निराला

THE HINDI ACADEMY: जुही की कली - निराला: जुही की कली विजन-वन-वल्लरी पर सोती थी सुहागभरी-स्नेह-स्वप्न-मग्न- अमल-कोमल-तनु-तरुणी-जुही की कली, दृग बन्द किये, शिथिल-पत्रांक मे...

THE HINDI ACADEMY: भिक्षुक - निराला

THE HINDI ACADEMY: भिक्षुक - निराला: भिक्षुक - निराला वह आता... दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लकुटिया टेक, मुट्ठी भर द...